भारत में बेरोजगारी दर में सुधार नजर नहीं आ रहा है। फरवरी में भारत की बेरोजगारी दर 7.78 फीसदी पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने सोमवार को डेटा जारी कर यह जानकारी दी है। यह आंकड़ा अर्थव्यवस्था पर सुस्ती के प्रभाव को दिखाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था साल 2019 के आखिरी तीन महीनों में पिछले छह सालों से भी अधिक की सबसे धीमी गति से बढ़ी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के वैश्विक स्तर पर प्रकोप के चलते एशिया की इस तीसरी बड़ी इकोनॉमी में आगे भी और सुस्ती देखी जा सकती है। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर पिछले महीने के 5.97 फीसदी के मुकाबले फरवरी में बढ़कर 7.37 फीसदी हो गई है। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह पिछली दर 9.70 के मुकाबले गिरकर 8.65 पर आ गई है। गौरतलब है कि सितंबर से दिसंबर 2019 के चार महीनों में बेरोजगारी की दर 7.5 फीसदी तक थी। वहीं बेरोजगारी की दर अगस्त और अक्टूबर 2019 में 8 प्रतिशत को पार कर गई थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के डेटा की मानें तो भारत के ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर फरवरी में बढ़कर 7.37 फीसदी पहुंच गई है, वहीं शहरी इलाकों में यह 9.70 फीसदी से 8.65 फीसदी गिर गई है। ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी दर के बीच अंतर में वृद्धि हुई है।" alt="" aria-hidden="true" />
फरवरी में बेरोजगारी दर बढ़कर7.78 फीसदी